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Wednesday 25 April 2012

जिन्नात की शादी

आरा शहर की घटना है. लगभग 70  वर्ष पुरानी. लेकिन लोगों के बीच अभी भी कही-सुनी जानेवाली. 
आरा शहर का एक मोहल्ला है शिवगंज. वहां हाल के वर्षों तक रूपम सिनेमा हॉल हुआ करता था. उसके बगल की गली में एक बड़े ही विद्वान पुरोहित रहा करते थे जो अपनी ज्योतिष विद्या की जानकारी के लिए दूर-दूर तक जाने जाते थे. 
एक बार की बात है. रात के करीब 2 बजे वे दूसरे शहर के किसी जजमान के यहां से पूजा संपन्न कराकर लौट रहे थे. अपनी गली के मोड़ पर रिक्शा से उतर कर वे घर की और बढे ही थे कि अचानक एक गोरा चिटठा, लम्बा-चौड़ा आदमी उनके सामने आकर खड़ा हो गया. पंडित जी डर  गए. उन्होंने पूछा-'कौन हो भाई! क्या बात है?'
'आप डरें नहीं. मैं एक जिन्न हूं. आपसे बहुत ज़रूरी काम है.' उसने जवाब दिया.
'अरे भाई! एक जिन्नात को मुझसे क्या काम....'
'आपको एक सप्ताह बाद मेरी शादी करनी है. कर्मन टोला की एक युवती का देहांत उसी दिन होना है. उसी के साथ मेरी शादी आपको करनी है. मुहमांगी दक्षिणा दूंगा.'
'जिन्नात की शादी..? मैंने ऐसी शादी कभी कराई नहीं. इसका विधान भी मुझे नहीं मालूम.'
'पंडित जी! शादी तो आप ही को करनी है. कैसे आप जानें. आज से ठीक आठवें दिन आप रात के एक बजे अबर पुल पर आपका इंतज़ार करूँगा. आपको वहां समय पर पहुँच जाना होगा. यह बात किसी को बताना नहीं है.' इतना कहकर जिन्नात गायब हो गया.
पंडित जी घर पहुंचे. रात भर सो नहीं सके. दूसरे दिन तमाम शास्त्रों को पलट डाला लेकिन जिन्नात की शादी की विधि नहीं मिली. अंततः उन्होंने कई किताबों का अध्ययन कर एक अपना तरीका निकाला.
आठवें दिन पंडित जी! डरते-सहमते रात के एक बजे से पहले ही अबर पुल पर पहुँच गए. एक बजे...डेढ़ बजे..दो बज गए लेकिन जिन्न नहीं पहुंचा. वे समझ नहीं पा रहे थे कि क्या करें. तभी अचानक झन्न की आवाज़ के साथ जिन्नात प्रकट हुआ. उसके चेहरे पर परेशानी झलक रही थी.
' माफ़ कीजिये पंडित जी! यह शादी नहीं हो सकेगी.'
'क्यों क्या हो गया.'
'वह लडकी मरी तो ज़रूर लेकिन मरने के वक़्त जब उसे ज़मीन पर लिटाया गया तो रुद्राक्ष का एक दाना उसके शरीर को छू रहा था. इसके कारण मरने के बाद वह सीधे शिवलोक चली गयी. अब वह वहां से वापस नहीं लौटेगी. इसलिए अब उसके साथ मेरी शादी नहीं हो पायेगी.'
उसने पंडित जी की ओर चांदी के  सिक्कों  की एक थैली बढ़ाते हुए कहा-'आप मेरे आग्रह पर यहां तक आये. इसे दक्षिणा समझ कर रख लीजिये. आपकी बड़ी मेहरबानी होगी.'
पंडित जी ने कहा कि जब शादी करवाई नहीं तो दक्षिणा कैसा. लेकिन जिन्नात उनके हाथ में थैली थमाकर  गायब हो गया.
पंडित जी घर वापस लौट आये. कई वर्षों तक उन्होंने इस घटना का किसी से जिक्र नहीं किया. बाद में अपने कुछ करीबी लोगों को यह घटना सुनाई. धीरे-धीरे लोगों तक यह किस्सा पहुंचा.

----छोटे 


33 comments:

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    1. प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद

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    2. फ़र्जी कहानी

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  2. वाह...!
    बहुत सुन्दर प्रस्तुति!

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    1. धन्यवाद सर! अनुगृहित हुआ...

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  3. गज़ब की दिलचस्प कहानी

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  4. मज़ेदार कहानी

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  5. एक मुसलमान इस कहानी को सुनते ही ख़ारिज कर देगा क्योंकि इस्लामी विश्वास के अनुसार किसी मृतक की आत्मा का विवाह किसी जिन्न से नहीं हो सकता।
    जिन्न भी इंसान की तरह ही जीते और मरते हैं और उनमें भी नर मादा और बच्चे होते हैं।
    जिन्न का अर्थ होता है पोशीदा। जिन्न अदृश्य होते हैं जबकि इंसान देखे जा सकते हैं।
    किसी भी धर्म में किसी मृतका का विवाह किसी जीवित से नहीं होता।
    रूद्राक्ष का प्रभाव बताने के लिए यह कहानी गढ़ ली गई है।
    जिन मरीज़ों पर जिन्नात का असर होता है। उन्हें रूद्राक्ष की पूरी माला भी पहना दी जाती है तब भी जिन्नात नहीं उतरते।
    जो चाहे आज़मा सकता है।

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    1. with due respect but i says jin ase utre ke kbe pass b na ave only with in five minutes ..........jai Maha kali..Jai chandi devi

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    2. ANWAR JI BILKUL SAHI KAHA APNE

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    3. सुन अनवर जमाल तू एक मुस्लमान है तू अभी नहीं जनता जब माला जागृत की जाती है ना रुद्राक्ष की और उस माला को यदि पीड़ित व्यक्ति को पहन दिया जाये तोह जिन्न तोह क्या बड़ी बड़ी शक्तियां उस व्यक्ति के पास नहीं फटक सकती समझा।

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    4. rudraksh ye sab andhvisvas hai esi malaye naliyo me padi milti hai ye kahani jhooti mangadant hai jinnat ke asrat ko rudraksh to kya ramayan ved bhi nahi utar sakte

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    5. ये बात सच हो सकती है पर ये भी सच है कि यदि रुद्राक्ष सच में रुद्राक्ष हो तो फिर कोई भी बुरी साया आसपास नही फटकेगी ये बात किताब में नही मैंने अपने पड़ोस में ही देखा है और प्रमाणित बात बोल रहा हूँ झूठ नही है ये।

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    6. Sahi kha aapne .. jinnat ko insab ka koi asar nhi hota.. maien dekhi hai aisa .. hmari dost pe 1 jinnat rhate the unpe kisi ka kuchh asar nhi hua karta tah..

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  6. saitan ko manre k liye saitan he ban-na padta h........
    saber manter iska k parman h. ek asa manter jisko sidh nhe krna pdta ..jo apne aap m purn sidh hota h ....ek bat yad rekhna ....jub b kise shakta ka hath pkdo use itne jor se pkdo ke duniye ke bheed m wo kbe na chute...coz wo he mukti ka dwar h.....usko or humare raste m koe b nhe aa skta ..or shadet se kiye hua kam kbe wast nhe jata.....Samsan ke devta shiv or shkta he h every body knows this....

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  8. Jab se duniya bani hai tab se ye problem is dharti par hai aur iska elaj b Islam to 1400 years pehle duniya me aaya bhaiya

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  9. Sachhi ghatna nahi hai. Real me jinn jinpe aashiq hai unse milo fir fesla karna sahi galat ka.

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  10. जमाल साहब बाजार में नकली रुद्राक्ष दर्जन के हिसाब से मिलते हैं। हो सकता है घटना सच्ची ना हो लेकिन असली रुद्राक्ष वास्तव में दुर्लभ होता है। मुसलमान जिन्न को मानते हैं लेकिन पश्चिमी देशों के लोग नहीं मानते वो कुछ और मानते है जैसे स्किनवॉकर वैंपायर और भी कुछ उन पर मौलवी मंट्रिको के असर नहीं होते।
    सच तो ये है ये सारी चीजें अशिक्षा के घोर अभाव में गढ़ी गई है। और कुछ सालों बाद ये पूरी तरह से खत्म भी हो जाएंगे।
    जैसे जन्नत जहन्नुम ।
    किसी भी समय तात्कालिक वैज्ञानिकों द्वारा इन सब चीजों से कोई लेना देना नहीं रखा गया।
    आज आतंकवादियों द्वारा जन्नत की चाह में क्या किया का रहा है उनकी बातें पूरी दुनिया सुन रही है देख रही है
    ये सब साबित करती है कि मान्यताएं अक्सर झूठ होती हैं चाहे वो जिन्न हो या भूत।

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    1. जिन्न को ईसाई एंजल मानते है

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    2. Baat to sahi h

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  11. अगर जिन्न सच है तो 1400 साल पहले इस्लाम के पहले तथाकथित शक्तिशाली जिन्न कहां थे और उनका धर्म क्या था? निश्चय ही इस्लाम की एक गढ़ी हुई मान्यता है अथवा किसी और चीज की एक replica 🤔 सोचने वाली बात है।

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  12. जिन्न एक पंडित के पास क्यों आयेगा शादी करवाने। मौलवी के पास जाना चाहिये ना।।कुछ भी स्टोरी डालते हो यार।।

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  13. Thanks For Sharing The Amazing content. I Will also share with my friends. Great Content thanks a lot.
    bhoot ki kahaniya in Hindi story

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